जल को ना करो बेकार, जल बिना मच जायेगा हाहाकार

*जल है तो कल है जल जीवन का श्रोत है तथा जल ही जीवन है पानी का महत्व दिनों -दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि पानी लगातार कम होता जा रहा है।



 


धरती पर जितनी पानी की मात्रा है उस सब में से 1% पानी ही हमारे पीने लायक है। फिर भी लोग अक्सर पानी की बर्बादी करते रहते हैं इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत करनी चाहिए वरना वो दिन दूर नहीं जब हम पानी की एक -एक बूँद के लिए तरसेंगे जल है तो कल है। जहाँ पानी होता है, वहां जीवन होता है।


 


जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है। लातूर जैसी कई जगह तो पानी की कमी की वजह से हालात अत्यन्त भयावह हो रहे हैं। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है


दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है। साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।


 


भारत कि छोटी छोटी नदिया सुख रही है और बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह प्रति वर्ष धीमा ही होते जा रहा है। भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है, जिसकी वजह से कई अन्य समस्याएं पैदा हो गयी। भारत जैसे कई अन्य देश ऐसे है जहा अशिक्षा, आत्महत्या, लड़ाई, गरीबी, बेरोज़गारी और दूसरे सामाजिक मुद्दों का कारण भी पानी की कमी है।


 


जल हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। हम सभी बिना खाने के तो कुछ दिनों तक जी सकते हैं, लेकिन बिना जल के ज्यादा दिन नहीं जी सकते हैं। जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। ऐसा माना जाता है कि जल ही जीवन है। जल इतना महत्वपूर्ण होने के बाद भी लोगों को जल की कीमत ज्यादा नहीं लगती है।


 अब समय आ गया है हम सभी लोगों को यह है बहुत गंभीरता से पानी बचाने के लिए सोचना होगा


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