मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में शामिल है जो सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है मकर’ का अर्थ मकर है और ‘संक्रांति’ का अर्थ संक्रमण है, इसलिए ‘मकर संक्रांति’ का अर्थ है सूर्य का राशि चक्र में मकर राशि में संक्रमण, जिसे हिंदू धर्म के अनुसार सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है और बहुत सारे उत्सव के साथ लोगों द्वारा स्वागत किया जाता है।
बहुत कम ऐसा होता है यह त्योहार 13 जनवरी या 15 जनवरी को मनाया जाए अधिकतर यह 14 जनवरी को मनाया जाता है. जब सूर्य उत्तरायण होकर मकर रेखा से गुजरता है इसका संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है, अत: इस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है।
ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है।
इस त्यौहार को सभी राज्यों में एक अलग नाम दिया गया है जैसे गुजरात और उत्तराखंड में इस त्योहार को “उत्तरायण” के नाम से जाना जाता है हरियाणा हिमाचल प्रदेश पंजाब राज्यों में इस त्यौहार को “माघी” नाम से जाना जाता है और उत्तर प्रदेश पश्चिम बिहार में सक्रांति के त्यौहार को “खिचड़ी” के नाम से भी जाना जाता है.
इस दिन कई जगह तिल के लड्डू बनाए जाते हैं तो कुछ जगह पतंगे उड़ाई जाती है और उत्तर प्रदेश राज्य में इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है. और जिन राज्यों में पवित्र नदियां बहती है
वहां के लोग सुबह उठ कर उन नदियों में स्नान करते हैं और सूर्य देवता को नमन करते है. इस तरह यह त्यौहार विभिन्न विचारधाराओं और संस्कृतियों का मिलाजुला रूप है.